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Khoon ka rista

छोड दिया था सबको तेरे खातिर..., लगा बैठा खून के रिश्तों को ठोकर l अब दौलत क्या गई तु भी छोड गई , अंजाम तो ऐसा ही होना था आखिर..l     ........ मिलाप सिंह भरमौरी