Posts

Showing posts from June, 2015

नजरों से भी कत्ल होते हैं

बिन कटारी  से भी किस्से  खत्म होते हैं । भर न  पाएं कभी जो  ऐसे जख्म  होते है । मत ढूँढो तुम हथियार मेरी चोट का यारो। दुनिया में कुछ नजरों से भी कत्ल होते हैं ।               ------- ...

पसीना आया

देख कर उसको यारो कुछ हमे यूँ आया जैसे कट लग गया हो बिजली का अंदर बैठे हुए सिलसिला आगे बढेगा मौहब्बत का इजहार करने से कुछ नहीं होगा खाव लेने से यूँही बस लेटे हुए      ------ मिलाप सि...

फूलों में खुशबू रहती है

जैसे फूलों में खुशबू रहती है वैसे दिल में  बस तू रहती है मैं जाऊँ बेशक  किसी तरफ तू ही नजर में हर सू रहती है ------- मिलाप सिंह भरमौरी

झरोखे से

इक खास खुशबू है हवा के झोंके में रह न जाएं हम कहीं फिर धोखे में गुजरे होगें जरूर इस गली से वो तू बाहर देख उठकर दिल झरोखे से ----- मिलाप सिंह भरमौरी