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Showing posts from January, 2016

Nigah

तेरे लिए कुछ इस तरह हम निगाह रखते हैं खुदा के लिए जैसे फकीर चाह रखते हैं आ जाओ न कभी तो हकीकत ऐ ख्याल बनके इक अरसे से हम तुम्हारी सिद्दत से राह तकते हैं ..... मिलाप सिंह भरमौरी

Dhoop

सर्दी में धूप प्यारी और गर्मी में छाया सुख को ही तकती है ये मिट्टी की काया अनुकूलता चाहे कण कण इस जग के पोषण को बिखर जाएंगे टूट टूट के जो है पाले जवर का साया ........ मिलाप सिंह भरमौर...