यह असर है बस इक तेरी नजर का जो दे गई काम मुझे जिंदगी भर का उलझा दिया उसे तूने रिश्तों के भंवर में जो भूल जाता था अक्कसर रास्ता अपने घर का ... मिलाप सिंह भरमौरी
दिल करता है कभी कभी कि दिल को संभाल लूँ करता है परेशान हरपल जो उस नाम को निकाल दूँ अजीब सी हालत हो गई है उससे मिलने के बाद मेरी उसी का नाम आता है जुवां पे चाहे किसी का भी नाम लूँ ...