Najar ka asar

यह असर है
बस इक तेरी नजर का

जो दे गई काम
मुझे जिंदगी भर का

उलझा दिया उसे
तूने रिश्तों के भंवर में

जो भूल जाता था अक्कसर
रास्ता अपने घर का

... मिलाप सिंह भरमौरी

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