सौहार्द
खूब लडे तुड़वाए सिंग
समय - समय पर फिर मारेंगे डिंग।
फिर भी मिलकर जोतेगें खेत
जिसमें फसलें उगेंगी अनेक।
तोड़ी हैं मेंडे गर आज
तो खुशहाली भी हम ही लाएंगे।
जो आज देख के खुश हो रहे लड़ाई
वो कल हमारे सौहार्द से जल जाएंगे।
......मिलाप सिंह भरमौरी
Comments
Post a Comment