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Showing posts from March, 2018

ऐ दिल सुन।

ऐ दिल सुन  कुछ सोचा भी है कहने से पहले। या यूंही बकवास प्रवचन दिया है। भई बातें करना तो बडा आसान है पर  क्या कभी खुद पर भी अमल किया है। ........ मिलाप सिंह भरमौरी

भगोड़ा

कोई ज्यादा कोई थोड़ा है। पर हर शक्श मगर भगौड़ा है। दौड रहा है पत्थरीली डग पे फिर भी गरीब का जोड़ा है। कोई फ़र्ज़ से भाग रहा यहां कोई बना जहन से घोड़ा है। भ्रमित कर रहा हर चक...