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Showing posts from October, 2018

मुस्कान

मीठी- सी मुस्कान तेरी बहुत तंग करती है। क्या हैं मायने इसके जहन में जंग करती है। तेरा मिल जाना रोज राहों में इत्तफाक भी हो सकता है। मगर यह ख्वाहिश यूँही मोहब्बत के रंग भरती ...

सामने

जब भी तू  सामने आ जाती है। देखकर तझको खुशी सी छा जाती है। जन्नत सी लगती है  यह दुनिया सारी। उलझने सारी जैसे  कोई शै खा जाती है। ..... मिलाप सिंह भरमौरी