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Showing posts from February, 2020

सौहार्द

खूब लडे तुड़वाए सिंग समय - समय पर फिर मारेंगे डिंग। फिर भी मिलकर जोतेगें खेत जिसमें फसलें उगेंगी अनेक। तोड़ी हैं मेंडे गर आज तो खुशहाली भी हम ही लाएंगे। जो आज  देख के खुश हो रहे लड़ाई वो कल हमारे सौहार्द से जल जाएंगे। ......मिलाप सिंह भरमौरी 

अदबात

हर दाव से ज्यादा इक शराफत हमपे भारी है। अदावत करोगे हमसे औकात क्या तुम्हारी है। उसपे असर क्या करेगी बता अंजाम की बातें, जिसने तमाम जिंदगी अपनी इक साईकिल पे गुजारी है। .....मिलाप सिंह भरमौरी