तुझे नहीं पता कितना चाहते हैं तुझको आप ही लगते हैं दूर से देखते है जिसको तेरा ही ख्याल रहता है हरपल मेरे दिल में क्या कभी सच में तुम भी चाहोगी मुझको ..... मिलाप सिंह भरमौरी
फिर अपना ही समझ लेता हूँ तुझको अनजाने में ही अगर देख लो तुम मुझको न जाने क्या क्या खाब सजा लेता हूँ फिर मैं कोई बात अगर कर लो मुझसे तुम तो ....मिलाप सिंह भरमौर...
सब तेरे हवाले कर रखा है जो भी कर तु तेरी मर्जी कुछ मांगूगा गर तुमसे तो वो होगी मेरी खुदगर्जी बदल के रख दूँ तुफानों को एेसी भी मैं ढाल नहीं हूँ पर्वत का सीना चीर के रख दूँ तिनक...
वादा तो कर बैठे हो तुम निभाओगे क्या सच में बहुत कठिन है राह उल्फत की चल पाओगे क्या सच में बडे हसीन लगते है नजारे जब देखते है बैठ के किनारे बहुत गहरा है समुंद्र इश्क का उतर पाओ...
दिल दुख जाता है सच कहने से पर झूठ को कैसे बिन पांव के चलने दें ठोक के कह दे बात हकीकत तू सबसे फिर जलते हैं कुछ लोग तो बेशक जलने दे ....... मिलाप सिंह भरमौरी
मेहनत रंग लाएगी एक दिन जरूर देखा है तेरे चेहरे पर अजब सा मैंने नूर भूल मत जाना फिर अपने दोस्तों को तुम और आने मत देना खुद में जरा भी गरूर ..... मिलाप सिंह भरमौरी
मत कर प्यार मुझसे अंजाम अच्छा न रहेगा मेरा ही दिल मुझको फिर सच्चा न कहेगा पा भी लूं तुझको तो क्या दूंगा अँधेरों के सिवा इस तरह फूलों से भरा तुझको रास्ता न मिलेगा ...... मिलाप सिं...
रोज सोचता हूँ मैं कभी तो तुम सवाल पूछोगे किसी बात के मसले पर मेरा भी ख्याल पुछोगे अजनबी से भी मिलते हो बडी खुलूसीयत सले तुम मिलोगे कल मुझसे जब तो क्या मे...