मौहाबत को निभाएगें मर कर भी।

वो कहते थे मौहाबत को निभाएगें मर कर भी।
जिया जाता है इस जहां में भला डर कर भी। 
वादा करते थे कभी वो उम्र तक साथ निभाने का
पर वक्त क्या बदला देखा ही नहीं हमें मुडकर भी।

          ........... मिलाप सिंह भरमौरी

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