लाभ हानि के चक्कर में
देखा है मैंने अक्कसर ये
है सब लाभ हानि के चक्कर में
मांग रहा है हर कोई ओर ज्यादा
ढूंड रहा है चीनी शक्कर में
क्यों सोने के वस्न सिलाता जाता
आता तो है रोज वो खद्दर में
तृष्णा तू है जग में सब से बलवान
है कौन भला यहां तेरी टक्कर में
....... मिलाप सिंह भरमौरी
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