हर छल को अपनाते हो
हर छल को अपनाते हो
फिर भी खुद को साफ बताते हो।
थोडा तो समझ हमें भी आता है
जो सबको तुम समझाते हो।
जरूर गलत होंगे वो भी बेशक
यह स्वीकार हर्ष से करता हूँ।
पर दोस्त तुम भी वैसे हो नहीं
जैसा खुद को सबमें दिखाते हो।
....... मिलाप सिंह भरमौरी
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