हर बात पे सोचा करते हो। क्यों जज़्बात को रोका करते हो। कोई करता है तुमपे गौर यहां किस दुनिया में तुम रहते हो। तपती हुई सी रेत है हरसू क्या पानी बनकर बहते हो। पार करोगे कैसे ...
हर वक़्त यूं ही न सोचा करो। कभी मन को भी टोका करो। अनदेखे हुए कल के खातिर अपने आज से न धोखा करो। जहां जो भी है बस आज है तुम बर्बाद न यह मौका करो। सबक कई हैं अगल -बगल में इन्हें द...
पता नहीं क्यों हर पल घडी पे आँखें रहती हैं। काम नहीं है कोई भी फिर भी जल्दी रहती है । ट्रेन छूटी तो बस से भागे दौड रहा है आगे आगे पता नहीं किस मोड पे मेरी मंजिल रहती है । बाद...
अभ्यास करो या बदल लो काम। पर खाली बैठना है यह हराम । गर मंजिल नहीं मिले तो क्या है संघर्ष ही जीवन का है नाम । हार नहीं कह सकते हैं उसको कोशिश की जब तक हो न शाम। कोशिश कर ओर कोशिश कर भटक न पाए मंजिल से ध्यान ..... मिलाप सिंह भरमौरी