दूध से धुला

आज तक का तजुर्बा यह बताता है।

यहाँ अपनी कमी हर कोई छुपाता है।

वंदा कोई न मिलेगा जो हो दूध से धुला,

पर हर कोई खुद को दूध सा दिखाता है।।


       .......... मिलाप सिंह भरमौरी


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