मौहब्बत

मीठी सी मौहब्बत
तीखी सी शरारत
सुंदर है पल प्यार के।
न न न दिल को जलाए
हाँ में अमृत यार के।
उजाडती है जो कितनों के घर
क्यों बनाई नफरत संसार में।

------- मिलाप सिंह भरमौरी

Comments

Popular posts from this blog

Najar ka asar

सौहार्द