जब भी शाम होती है

जब भी शाम होती है
इक उम्र तमाम होती है।

तेरी याद के सदके में
हाथों में जाम होती है।

आ जाओ न कभी तो
मिट जाए यह खुमारी।

कि बिन तेरे जिंदगी
अपनी बडी परेशान होती है।

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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