यह दूरी कब मुझको

यह दूरी कब मुझको
तुमसे जुदा कर पाती है

हर इक पल के बाद
तू ही तो याद आ जाती है

साथ में होते तो
शायद ही रहता इतना ख्याल

जिधर भी देखूं मैं
तेरी ही तस्वीर बन जाती है

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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