बनावटी से अच्छा है सादगी का रंग अगर भरोसा ही नहीं है तो कैसा साथ संग इससे नहीं फर्क कोई कि दूर हैं या पास बस होना नहीं चाहिए मन में कोई भ्रम ----मिलाप सिंह भरमौरी
कुदरत नहीं चाहती कोई करे उसके साथ छेडख़ानी पर एक पडौसी चाइना है जो कर रहा है मनमानी मांउट एवरेस्ट के नीचे से सुरंग निकालना चाह रहा है तिब्बत और पोक में भी भू संतुलन बिगाड रह...
बर्दाश्त नहीं करती है प्रकृति कोई भी छेडख़ानी तभी तो पक्के मल्टीस्टोरी मकानों को ही पडती है क्षति उठानी कच्चे मिट्टी के मकानों को भुकंप कम ही ढह पाता है और बांस की झुग्गिय...
संवरने से कम नहीं है सादगी तेरी बढा देती है जो ओर भी ताजगी दिल की जी करता है कि तुम रहो हमेशा मेरे आसपास जरूरत सी बन गई हो तुम जिंदगी की ------ मिलाप सिंह भरमौरी
तुझसे बात करूँ मैं कैसे कई दिनों से सोच रहा हूँ तेरे सामने कुछ कह नहीं पाता खावों में सब कुछ बोल रहा हूँ तेरे प्यार की मस्ती का मुझपे चढा हुआ है यह कैसा नशा थोडी पी लूँ तो क्या ...
जब तू मुझसे दूर होती है तो ओर भी सुंदर लगती है तुझको ही सोचता रहता हूँ तू जैसे कोई मंदिर लगती है तेरे प्यार की ठंडक आ जाती है फिर तपते हुए सहरा में महसूस करते ही बन जाती है फूल व...
तेरे मेरे बीच में दूरियां बहुत हैं क्या करूँ कि किस्मत में मजबूरियाँ बहुत हैं कैसे करूँ आजाद खुद को मुकद्दर की कैद से कि पल पल मोड पर खडी लाचारियां बहुत हैं ----- मिलाप सिंह भरम...
खवाईशें कितनी ही पालता है इंसान खुद को न जाने क्या मानता है इंसान आने वाले पल का कोई भरोसा ही नहीं और दूर तक जीने की सोचता है इंसान --------- मिलाप सिंह भरमौरी
जब कोई महिला प्रसव के लिए अस्पताल में आती है एक से बढकर एक महारती की लाइन सी लग जाती है चपरासी हो या सफाई कर्मचारी नर्स हो या असली डाक्टर हर कोई हाथ डालने लग जाता है उनको इस प्...
बदलते रिश्ते -------------- सफ़ेद बाल सफ़ेद धब्बेदार त्वचा थी चेहरे की झूरियाँ उसकी उम्र बता रही थी झुका हुआ शरीर काँपते हुए डंडे पर थमा था इक लंबा सफर मानो आँखों के गड्डों में छुपा था ब...
मौसम ने बेईमानी की है बिन मौसम के बारिश की है किसी को गर्मी से राहत है किसी की हालत पतली की है कैसे पकेगी किसान की फसलें सब्जियाँ भी खूब बर्बाद की हैं अपने ही दिल की करता है वो ...