मौसम
मौसम ने बेईमानी की है
बिन मौसम के बारिश की है
किसी को गर्मी से राहत है
किसी की हालत पतली की है
कैसे पकेगी किसान की फसलें
सब्जियाँ भी खूब बर्बाद की हैं
अपने ही दिल की करता है वो
पता नहीं कैसा उसका जी है
----- मिलाप सिंह भरमौर
मौसम ने बेईमानी की है
बिन मौसम के बारिश की है
किसी को गर्मी से राहत है
किसी की हालत पतली की है
कैसे पकेगी किसान की फसलें
सब्जियाँ भी खूब बर्बाद की हैं
अपने ही दिल की करता है वो
पता नहीं कैसा उसका जी है
----- मिलाप सिंह भरमौर
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