ख्वाईश

खवाईशें कितनी ही पालता है इंसान
खुद को न जाने क्या मानता है इंसान
आने वाले पल का कोई भरोसा ही नहीं
और दूर तक जीने की सोचता है इंसान

--------- मिलाप सिंह भरमौरी

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