दिया है कम तो उसकी भी मजबूरी होगी। किसी ओर की जरूरत तुमसे भी जरूरी होगी। वो तोलता है जरूरत को तराजू में रखकर। मत सोच उसकी ज्यादा तुमसे जी हुजूरी होगी। ------- मिलाप सि...
उनके एक खाव से खुशियाँ हजार आती हैं मन के कोने कोने में कलियां निखार पाती हैं लफ्जों में जिक्र मुश्किल है उनकी हर अदा का उनके मुस्कुराने से दिल में बहार आती है ------ मिलाप सिंह ...
चुभता है इस दिल में कुछ तीखा सा खंजर सा कम कैसे हो पाएगा फर्क धरती और अंबर सा तन्हाई में जा कर के इसलिए मैं रो लेता हूँ कि मैं हूँ रेत किसी सहरा की और तू है मोती समंदर का ------ मिलाप ...
तू आ रही है दूर से ही इक खुशबू सी आ जाती है तेरी आहट दिल के दरवाजे को तस्सवुर से ही छू जाती है जैसे जन्नत की बहार होती है जब तक तू मेरे साथ होती है तेरे बिछुड जाने के पल जैसे सहरा ...
तमाशे की तरह दिखना क्या अनमोल होकर कोडी के भाव बिकना क्या अरे इज्जत से रहो सबको इज्जत देकर यूहीं छेडख़ानी करके सरे बाजार पिटना क्या -------- मिलाप सिंह भरमौरी
मौहब्बत तो बहुत है उनसे पर बताएं कैसे किस कद्र करते हैं कदर उनकी दिल दिखाएं कैसे जी तो करता है कि कर दें ब्यान सब जो भी दिल तन्हाई में कहता है पर इक पर्दा सा गिरा है रुसवाई का इ...