मजबूर हूँ तेरी आदत से

हँस के कुछ तो राहत दे
डूबा हूँ तेरी चाहत में
आ जाता हूँ यूंही तेरी गली में
मजबूर हूँ तेरी आदत से

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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