हर बात अलग

हर  बात  अलग  है  तेरी
हर  अंदाज  अलग  है  तेरा ।
तु  औझल  है तो गुप  अंधियारा  है
तेरा  दर्शन  है  मेरा  सबेरा।।

------- मिलाप सिंह भरमौरी

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