नीर

नीर निरंतर नदी का बहता l
पल पल में है इक पल घटता ll

तरह तरह की आवाजें हैं l
पपीहा पेड पे क्या है रटता ll

वक्त को देखा आईने में तो l
मन ही मन में मन है डरता ll

गर्माईश कुछ तीखी सी है l
अाग में कुछ सख्त है जलता ll

  ..... मिलाप सिंह भरमौरी

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