Dhoop

सर्दी में धूप प्यारी
और गर्मी में छाया

सुख को ही तकती है
ये मिट्टी की काया

अनुकूलता चाहे कण कण
इस जग के पोषण को

बिखर जाएंगे टूट टूट के
जो है पाले जवर का साया

........ मिलाप सिंह भरमौरी




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