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कद्र घट जाती है

मिल जाए कोई चीज तो कद्र घट जाती है । पर जब पास न हो तो वो बहुत भाती है। इसलिए तो हम दूर रहते है तुमसे हमेशा जब दूर होते हो तुम तो तुम्हारी याद बहुत आती है । ...... मिलाप सिंह भरमौरी

कभी हां करते है

कभी हां करते है  कभी मुकर जाते हैं। कितने ही खूबसूरत पल  यूंही गुजर जाते हैं। जरूरी तो नहीं है कि सब  बर्बाद ही होते हैं मोहाबत में प्यार अगर सच्चा हो तो  बिगडे हुए भी सुधर ज...

लाभ हानि के चक्कर में

देखा है मैंने अक्कसर ये है सब लाभ हानि के चक्कर में मांग रहा है हर कोई ओर ज्यादा ढूंड रहा है चीनी शक्कर में क्यों सोने के वस्न सिलाता जाता आता तो है रोज वो खद्दर में तृष्णा तू ...

मैं तुझको पाने के सपने देखता हूँ।

मैं तुझको पाने के सपने देखता हूँ। हर चेहरे में खास अपने देखता हूँ। क्या हकीकत में मिल जाओगे तुम मुझको या यूंही मैं खाव अपने बेचता हूँ ।        ......... मिलाप सिंह भरमौरी

बिछुडने का गम

तुमसे बिछुडने का गम होता है। पलक का हर कोना नम होता है। तेरी चौखट पर आकर वापिस जाना। सच में जानलेवा यह सित्तम होता है।      ..... मिलाप सिंह भरमौरी

दिल आखिर चाहता क्या है

यह दिल आखिर चाहता क्या है सकून का असली रास्ता क्या है। उसको तो चाहिए बस अपनी ही खुशी तेरे दर्द से उसको वास्ता किया है । नरम लफ्जों में भी जाल घने हैं उसकी मक्कारी को तू जानता ...

मौहाबत को निभाएगें मर कर भी।

वो कहते थे मौहाबत को निभाएगें मर कर भी। जिया जाता है इस जहां में भला डर कर भी।  वादा करते थे कभी वो उम्र तक साथ निभाने का पर वक्त क्या बदला देखा ही नहीं हमें मुडकर भी।           ....