मन को साफ करते है
यूंही बेकार बैठे हैं
चलो इक काम करते हैं।
जम चुकी है बहुत धूल
मन को साफ करते हैंं।
भला अब रखा ही क्या है
उन बेकार की बातों में।
छोडते हैं दुश्मनी को
सब को माफ करते हैं।
...... मिलाप सिंह भरमौरी
यूंही बेकार बैठे हैं
चलो इक काम करते हैं।
जम चुकी है बहुत धूल
मन को साफ करते हैंं।
भला अब रखा ही क्या है
उन बेकार की बातों में।
छोडते हैं दुश्मनी को
सब को माफ करते हैं।
...... मिलाप सिंह भरमौरी
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