दो तरफा
बात तेरी हैरान करती है।
मन में पैदा तुफान करती है।
दिल कहता है कुछ ओर तेरा
पर कुछ ओर जुवान कहती है।
प्यार है तो छोड दो उसको
चाह दोतरफा बदनाम करती है।
दो नावों से नदी पार करोगे
नहीं कुछ यह बात जमती है।
चलो देखते हैं क्या होता है
ये रिवायत क्या अंजाम करती है।
....... मिलाप सिंह भरमौरी
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