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पत्थर भी साज हो जाते हैं

कुछ भी कह दो यूंही वो भी राग हो जाते हैं। हुनर अगर पास हो तो पत्थर भी साज हो जाते हैं। हर तरफ कीचड है संभाल के रखना कदम अपने वरना सफेद कपडों में ज्यादा ही दाग हो जाते हैं। तोड दे...

बातें तमाम सच्ची नहीं हैं

कर लेते हो सबपे यकीन आदत तुम्हारी अच्छी नहीं है। तुने सुनी हैं जो लोगों से, वो बातें तमाम सच्ची नहीं हैं। खफा खफा रहते हो क्यों ,तुम फिर से करीब आओ न दूरी तुम्हारी  इस कद्र ,न ज...

संयम

सूरज से खफा हूँ आजकल जल्दी छुप जाता है। घर पहुंचने से पहले ही गुप अँधेरा हो जाता है। सुनसान रास्तों की अजीब सी दहशत है। इन पर अकेले चलने से मन बहुत घबराता है। कभी कभी दिल करत...

उलझन

उडकर कहां जाओगे पेड की डाल से। आकर्षण बहुत गहरा है उलझन की जाल में । प्यासा सा है मन और भूख भी बढी सी है। पुलाव बहुत पकते हैं सब लेकिन बस ख्याल में। ....... मिलाप सिंह भरमौरी

धोखे

दिल में इक बात छुपाए हैं। तुमको पाने के सपने सजाए हैं। जब भी बुलाओगे दौड के आएंगे। तुमसे बिछुड कर बहुत धोखे खाए हैं।     ......... मिलाप सिंह भरमौरी

प्रदूषण

साधारण नहीं है समस्या यह भारी है। मानवता को मारने की लगती तैयारी है। प्रदूषण के कारण बंद करने पड गए स्कूल। अब तो साईकिल चलाने में ही समझदारी है।           ........ मिलाप सिंह भरमौ...

लोकतंत्र का उत्सव

लोकतंत्र का उत्सव मनाएँ। नौ को वोट डालने जरूर जाएँ। वोट डालकर अपना कीमती, लोकतंत्र को ओर सुदृड बनाएँ। ..... मिलाप सिंह भरमौरी