बचपन में हम संग संग खेले
स्कूल में भी साथ साथ पढे
और अब अच्छे पडौसी की तरह
सुख दुख में संग संग रहते हैं
हिन्दू और मुस्लिम दुश्मन है
क्यों कुछ देशों के लोग कहते हैं
हर दाव से ज्यादा इक शराफत हमपे भारी है। अदावत करोगे हमसे औकात क्या तुम्हारी है। उसपे असर क्या करेगी बता अंजाम की बातें, जिसने तमाम जिंदगी अपनी इक साईकिल पे गुजारी है। .....मिलाप सिंह भरमौरी
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