नशे की तरह

टूट कर शीशे  की तरह  बिखर जाऊँगा।
तू आबाद  रहेगी और  मैं उजड जाऊँगा।
मै सिर्फ नशे  की  तरह हूँ सुन तेरे लिए ।
कल सुबह तक तेरे मन से उतर जाऊँगा।

       ------- मिलाप सिंह भरमौरी

Comments

Popular posts from this blog

Najar ka asar

सौहार्द