जज्बात

कहना कुछ चाहते हैं
कर कुछ जाते हैं

जब सामने आ जाओ आप
बस चुप रह जाते हैं

समझ जाओ कभी तो
खामोशी का मतलब निकाल कर

पता नहीं क्यों मेरे
जज्बात दवे रह जाते हैं

  ----- मिलाप सिंह भरमौरी

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