छत पर मंजा

छत पर मंजा रस्सी वाला ।
तानी मच्छरदानी बांस से ।
चांद दिखे अम्बर पर पूरा ।
आए नाम तेरा हर सांस से ।

------ मिलाप सिंह भरमौरी

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