नीर निरंतर नदी का बहता l पल पल में है इक पल घटता ll तरह तरह की आवाजें हैं l पपीहा पेड पे क्या है रटता ll वक्त को देखा आईने में तो l मन ही मन में मन है डरता ll गर्माईश कुछ तीखी सी है l अाग में क...
तू है राहत रूह की l लगती है मीठी धूप सी ll कुदरत का सरमाया है l ये गागर तेरे रूप की ll पर गहराई कैसे मापूं मैं l वक्त के अँधे कूप की ll सच बहुत रोया है तन्हा l तारीफ सुनी जब झूठ की ll ..... मिलाप सि...
अम्बर की ऊंचाई जैसी l समुंदर की गहराई जैसी ll तू मुझमे शामिल है l साथ मेरे परछाई जैसी ll कभी कभी ही दिखती है l लगती है सच्चाई जैसी ll सच में सुंदर लगती है l तान तेरी अँगडाई जैसी ll ..... मिलाप स...
सच्चे झूठे कितने खाव कभी अँगीठी कभी अलाव पुंज बिखेरे तारे कितने मांगे कोई मन्नत का ताज आधी रात को सन्नाटा है मन में है कोई उसके राज वक्त के साय में हलचल है बजा रहा है वो कैसा ...
तेरी मोहाब्त से दुनिया सजाते रहेंगे काफिला अपनी बफाओं का बनाते रहेंगे सित्तम चाहे कर ले वो कितने भी हम पे चाहत को यूहीं अपनी हम निभाते रहेंगे टुटेगी कैसे यह खुमारी जहन से ...
नजरों की नजरों से जब बात हुई,,,,,,l खबर न रही कोई कब दिन से रात हुई दोस्ती हो गई फिर बहारों से अपनी,,,,l चांद सितारों की संग हमारे बारात हुई l ओर ज्यादा जीने को जी करता है,,,,,l कितनी प्यारी स...
दिल करता है बहुत मेरा पास तुम्हारे आने को भाड में जाए दुनिया सारी आग लगे जमाने को अपने भी अरमान है कुछ साथ तुम्हारे रहने के कब तक खुद से दूर रखूं खुशियों के खजाने को ...... मिलाप स...
छत पे खडा मैं सोच रहा हूँ तु क्या घर पर करती होगी मेरी तरह यूहीं शाम को क्या तु भी छत पर चढती होगी वो भी क्या समय था जब हम कभी रावी किनारे टहलते थे ...
कल रात को सपने में तुमसे मुलाकात हुई थी कुदरत के नजारों के बीच बहुत सारी बात हुई थी हमने रावी के किनारे पे खूब ठहाके मारे थे भीग गए थे अंदर तक प्यार की इतनी बरसात हुई थी ..... मि...
क्यों खाव न देखूं मैं तुझको पाने के तू है ही अलग सच में सारे जमाने से तेरी नजर पडते ही हलचल सी होती है पहेली सी बनती है पलकों को गिराने से तेरा भ्रम मुझको चिढाता है ईशा...
सपनों के चिरागों को बुझने मत देना कि खुद पे अँधेरों को हँसने मत देना तु करना मत अपनी उम्मीदों को विदा हरियाली के पत्तों को झडने मत देना मोड मोड पे आके बाधाएं उलझाएगी लेकिन उ...
तू यादों में आती है जब सामने आ जाता है सब मेरी आँखो में तैरता है तेरे साथ बिताया लम्हा हर पता नहीं क्या खता हुई थी जो बिखर गए वो लम्हें सब ........ मिलाप सिंह भरमौरी
बहुत दुर्गम क्षेत्र है यह बहुत कठिन है यहाँ का जीवन दस दस किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है तब आता है सामने घर आसमान को छूती चढाईयाँ पाताल के दर्शन कराती खाईयाँ ऐसे हैं चंबा के गा...
एक दिन की बारिश से ही खड़ामुख का यह हो गया था हाल अगर हफ्ता भर पड जाती तो क्या हो जाता सोच कमाल इस सब का कारण बांध ही है सबको यह पता है सडक तक आ पहुंचा है पानी अब यह सड़क सेफ कहाँ ...
होली- धर्मशाला सड़क एक ख्वाइश है इस दिल में न जाने कब वह पूरी होगी होली से धर्मशाला को सड़क बनेगी और 200 किलोमीटर कम दूरी होगी जब भी इस सड़क के सर्वे की खबर आती है रुह अंदर तक तर ह...
तेरे प्यार का अांचल उडता है बन बादल वरना इस दिल की धरती प्यासी होती तेरी मोहब्बत से ही रौनक है मेरी दुनिया की अगर तू न होती तो सच बहुत उदासी होती .... मिलाप सिंह भरमौरी
मुस्कुराहट तेरे होठों की दिल को छू जाती है खामोशी तेरे चेहरे की अंदर तक रुलाती है बहुत ढूंढ लिया सुकून को जगह जगह पर जाकर के पर राहत के मकाम की तुझ तक ही राह जाती है ..... मिलाप सि...
इस तरह हो रहा है मुझ पर असर तेरी मोहब्बत का l कि किस्सा आम -सा बन गया है जुबाँ की बगावत का l कहना कुछ होता है और कह कुछ जाता हूँ मैं l बात - बात पर नाम तेरा लेना हिस्सा सा बन गया है मेरी ...
दिया है कम तो उसकी भी मजबूरी होगी। किसी ओर की जरूरत तुमसे भी जरूरी होगी। वो तोलता है जरूरत को तराजू में रखकर। मत सोच उसकी ज्यादा तुमसे जी हुजूरी होगी। ------- मिलाप सि...
उनके एक खाव से खुशियाँ हजार आती हैं मन के कोने कोने में कलियां निखार पाती हैं लफ्जों में जिक्र मुश्किल है उनकी हर अदा का उनके मुस्कुराने से दिल में बहार आती है ------ मिलाप सिंह ...
चुभता है इस दिल में कुछ तीखा सा खंजर सा कम कैसे हो पाएगा फर्क धरती और अंबर सा तन्हाई में जा कर के इसलिए मैं रो लेता हूँ कि मैं हूँ रेत किसी सहरा की और तू है मोती समंदर का ------ मिलाप ...
तू आ रही है दूर से ही इक खुशबू सी आ जाती है तेरी आहट दिल के दरवाजे को तस्सवुर से ही छू जाती है जैसे जन्नत की बहार होती है जब तक तू मेरे साथ होती है तेरे बिछुड जाने के पल जैसे सहरा ...
तमाशे की तरह दिखना क्या अनमोल होकर कोडी के भाव बिकना क्या अरे इज्जत से रहो सबको इज्जत देकर यूहीं छेडख़ानी करके सरे बाजार पिटना क्या -------- मिलाप सिंह भरमौरी
मौहब्बत तो बहुत है उनसे पर बताएं कैसे किस कद्र करते हैं कदर उनकी दिल दिखाएं कैसे जी तो करता है कि कर दें ब्यान सब जो भी दिल तन्हाई में कहता है पर इक पर्दा सा गिरा है रुसवाई का इ...
यह दूरी कब मुझको तुमसे जुदा कर पाती है हर इक पल के बाद तू ही तो याद आ जाती है साथ में होते तो शायद ही रहता इतना ख्याल जिधर भी देखूं मैं तेरी ही तस्वीर बन जाती है ------ मिलाप सिंह भरम...
जब भी शाम होती है इक उम्र तमाम होती है। तेरी याद के सदके में हाथों में जाम होती है। आ जाओ न कभी तो मिट जाए यह खुमारी। कि बिन तेरे जिंदगी अपनी बडी परेशान होती है। ------ मिलाप सिंह भर...
मीठी सी मौहब्बत तीखी सी शरारत सुंदर है पल प्यार के। न न न दिल को जलाए हाँ में अमृत यार के। उजाडती है जो कितनों के घर क्यों बनाई नफरत संसार में। ------- मिलाप सिंह भरमौरी
खाव तेरे हकीकत से कम नहीं हैं गुस्सा तेरा भी मौहब्बत से कम नहीं है। दो पल ही बहुत हैं तुझसे ताल्लुक के सदा के लिए न मिलो तुम गम नहीं है। -------- मिलाप सिंह भरमौरी
बिन कटारी से भी किस्से खत्म होते हैं । भर न पाएं कभी जो ऐसे जख्म होते है । मत ढूँढो तुम हथियार मेरी चोट का यारो। दुनिया में कुछ नजरों से भी कत्ल होते हैं । ------- ...
देख कर उसको यारो कुछ हमे यूँ आया जैसे कट लग गया हो बिजली का अंदर बैठे हुए सिलसिला आगे बढेगा मौहब्बत का इजहार करने से कुछ नहीं होगा खाव लेने से यूँही बस लेटे हुए ------ मिलाप सि...
कहने को तो बस वो हमसे रूठ जाते हैं उन्हें क्या पता इससे कितने हम टूट जाते हैं नफरत सी होने लगती है हर शय से हमें जीने के खाव सभी जैसे मन से ही छूट जाते हैं ----- मिलाप सिंह भरमौरी
रख कर हाथ रुखसारों पर मेरी याद में खोए होंगे । अंबर से इक बूँद गिरी है शायद वो वहाँ रोए होंगे । गवारा न था हमसे बिछुडना पल भर भी इक तन्हा रहना । मेरे बिन उस उजली छत पर कैसे वो तन...
बस तेरे नाम से मेरा नाम जुडा रहे । इससे नहीं फर्क बेवफाई या वफा करे । कुछ तो हो तेरे नाम का पास मेरे । तेरे गम से बेशक मेरा दिल भरा रहे । ------- मिलाप सिंह भरमौरी
बडे बडे ब्रांड सुंदर सुंदर पैकिंग पैकिंग के अंदर यह क्या बेच रहे हैं लेकिन मैगी के सैंपल फेल दवाईयों के सैंपल फेल सिविल सप्लाई का आटा फेल चल रहा है यह क्या खेल पैसा पैसा है ...
किस पर करें भरोसा । हर तरफ है धोखा । न सांसो की कोई गिनती न पल का कोई मौका । शायद हकीकत वो जानता है रोता है वो जो बच्चा । मान बैठे इसे अपना जीवन दुनिया तो है इक झरोखा । ------ मिलाप सिं...
इक पुडिया है खावो की बंद खुल जाए तो क्या क्या हो जाए किस्मत अपनी जाग उठे सारे गम सहरा में सो जाएँ खत्म हो जाए आंख मिचौली दिल में अपने दिल खो जाए बरसे हरसूं खूशबू की बौछारे हर म...
इक पुडिया है खावो की बंद खुल जाए तो क्या क्या हो जाए किस्मत अपनी जाग उठे सारे गम सहरा में सो जाएँ खत्म हो जाए आंख मिचौली दिल में अपने दिल खो जाए बरसे हरसूं खूशबू की बौछारे हर म...
किसी ओर तरीके से तू रेखा खींच देखा न करो मुझको सब लोगों के बीच बडी शर्म सी आती है मुझको जब करते हो इशारे हो जाता है मन मेरा बडा भयभीत -------- मिलाप सिंह भरमौरी
सूरज ने अब पकड बनाई हर ओर मची है त्राहि- त्राहि बदन हुआ पसीने से गीला अंदर बाहर हरसूं गर्मी छाई । नदी -नाले सब सूख रहे हैं पशु पक्षियों की शामत आई । कूलर पंखे सब फेल हो रहे गर्म ...
गेंग रेप ------------- बहुत बडा अपराध किया है तुमने इक लडकी को बर्बाद किया है गरीब है वो बच जाओगे तुम यह कैसे तुमने समझ लिया है चुप है वो तो क्या हुआ सब लोगों को कैसे चुप करवाओगे उसको तो ख...
अब तो चुप्पी तोडो हिमाचल की निर्भया तुम तेरे दर्द से कितनों की देखो आंखें हुई है नम तेरे चुप रहने से वो दरिंदे न पकडे जाएगें पता नहीं कितनो को वो फिर से शिकार बनाएंगे तेरे म...
जब याद तुम्हारी आती है इन आँखों से आँसू बहते हैं सूनी सी लगती है दुनिया सारी पल पल दर्द को सहते हैं है कोने कोने में तेरी याद बसी तू था तो अब क्यों दिखता नहीं अरे तुझको क्या है ...
टूट कर शीशे की तरह बिखर जाऊँगा। तू आबाद रहेगी और मैं उजड जाऊँगा। मै सिर्फ नशे की तरह हूँ सुन तेरे लिए । कल सुबह तक तेरे मन से उतर जाऊँगा। ------- मिलाप सिंह भरमौरी
छोटा बेबी गया रसोई रसोई में न जब देखा कोई देख के चीनी बेबी ललचाया मुँह में उसके पानी आया बेबी ने चीनी खाने की सोची अलमारी पर चडने को कुर्सी खींची चीनी का डिब्बा हाथ से फिसला ...
जब प्यार का दरिया उमडता है। तुमसे मिलने को दिल करता है। पर बीच में अपने देख के दूरी यह दिल ठंडी आहे भरता है। मिट जाएगी यह इक दिन दूरी नहीं रहेगी कोई मजबूरी। ...
कहना कुछ चाहते हैं कर कुछ जाते हैं जब सामने आ जाओ आप बस चुप रह जाते हैं समझ जाओ कभी तो खामोशी का मतलब निकाल कर पता नहीं क्यों मेरे जज्बात दवे रह जाते हैं ----- मिलाप सिंह भरमौरी
आंसुओं को आंखों में दबाया नहीं करते हर घडी किसी को यूँ रुलाया नहीं करते खुद ही समझ जाते हैं कद्र करने वाले 'मिलाप' यूं प्यार को बार बार जताया नहीं करते ------ मिलाप सिंह भरमौरी
तुझको मनाने के लिए अब तू ही बता मैं क्या करूं तेरी खामोशी डसती है बिन बात किए मैं कैसे रहूं हर बात पर जिद्द ठीक नहीं दिल को दुखाना जीत नहीं मान भी जाओ मन के मालिक यह तीखे तीर कै...
मान लो कहना बात समझना लव मैरिज कभी न करना कर भी ली है तो कोई बात नहीं फिर आपस में न कभी झगडना क्योंकि समझौता करवाने या तुमको समझाने कोई न आएगा पडेगा फिर जीवन भर अलग अलग रहना ------ ...
बचपन में हम संग संग खेले स्कूल में भी साथ साथ पढे और अब अच्छे पडौसी की तरह सुख दुख में संग संग रहते हैं हिन्दू और मुस्लिम दुश्मन है क्यों कुछ देशों के लोग कहते हैं -------- मिलाप सिं...
बनावटी से अच्छा है सादगी का रंग अगर भरोसा ही नहीं है तो कैसा साथ संग इससे नहीं फर्क कोई कि दूर हैं या पास बस होना नहीं चाहिए मन में कोई भ्रम ----मिलाप सिंह भरमौरी
कुदरत नहीं चाहती कोई करे उसके साथ छेडख़ानी पर एक पडौसी चाइना है जो कर रहा है मनमानी मांउट एवरेस्ट के नीचे से सुरंग निकालना चाह रहा है तिब्बत और पोक में भी भू संतुलन बिगाड रह...
बर्दाश्त नहीं करती है प्रकृति कोई भी छेडख़ानी तभी तो पक्के मल्टीस्टोरी मकानों को ही पडती है क्षति उठानी कच्चे मिट्टी के मकानों को भुकंप कम ही ढह पाता है और बांस की झुग्गिय...
संवरने से कम नहीं है सादगी तेरी बढा देती है जो ओर भी ताजगी दिल की जी करता है कि तुम रहो हमेशा मेरे आसपास जरूरत सी बन गई हो तुम जिंदगी की ------ मिलाप सिंह भरमौरी
तुझसे बात करूँ मैं कैसे कई दिनों से सोच रहा हूँ तेरे सामने कुछ कह नहीं पाता खावों में सब कुछ बोल रहा हूँ तेरे प्यार की मस्ती का मुझपे चढा हुआ है यह कैसा नशा थोडी पी लूँ तो क्या ...
जब तू मुझसे दूर होती है तो ओर भी सुंदर लगती है तुझको ही सोचता रहता हूँ तू जैसे कोई मंदिर लगती है तेरे प्यार की ठंडक आ जाती है फिर तपते हुए सहरा में महसूस करते ही बन जाती है फूल व...
तेरे मेरे बीच में दूरियां बहुत हैं क्या करूँ कि किस्मत में मजबूरियाँ बहुत हैं कैसे करूँ आजाद खुद को मुकद्दर की कैद से कि पल पल मोड पर खडी लाचारियां बहुत हैं ----- मिलाप सिंह भरम...