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Showing posts from 2015

नीर

नीर निरंतर नदी का बहता l पल पल में है इक पल घटता ll तरह तरह की आवाजें हैं l पपीहा पेड पे क्या है रटता ll वक्त को देखा आईने में तो l मन ही मन में मन है डरता ll गर्माईश कुछ तीखी सी है l अाग में क...

रूप की

तू है राहत रूह की l लगती है मीठी धूप सी ll कुदरत का सरमाया है l ये गागर तेरे रूप की ll पर गहराई कैसे मापूं मैं l वक्त के अँधे कूप की ll सच बहुत रोया है तन्हा l तारीफ सुनी जब झूठ की ll ..... मिलाप सि...

अँगडाई

अम्बर की ऊंचाई जैसी l समुंदर की गहराई जैसी ll तू मुझमे शामिल है l साथ मेरे परछाई जैसी ll कभी कभी ही दिखती है l लगती है सच्चाई जैसी ll सच में सुंदर लगती है l तान तेरी अँगडाई जैसी ll ..... मिलाप स...

याद

आँखो की नमी कम होती ही नहीं हर पल याद आते हो ऐसा लगता है तुम हो यहीं कहीं       ......मिलाप सिंह भरमौरी

नाज

सच्चे झूठे कितने खाव कभी अँगीठी कभी अलाव पुंज बिखेरे तारे कितने मांगे कोई मन्नत का ताज आधी रात को सन्नाटा है मन में है कोई उसके राज वक्त के साय में हलचल है बजा रहा है वो कैसा ...

मनाते रहेंगे

तेरी मोहाब्त से दुनिया सजाते रहेंगे काफिला अपनी बफाओं का बनाते रहेंगे सित्तम चाहे कर ले वो कितने भी हम पे चाहत को यूहीं अपनी हम निभाते रहेंगे टुटेगी कैसे यह खुमारी जहन से ...

बात हुई

नजरों की नजरों से जब बात हुई,,,,,,l खबर न रही कोई कब दिन से रात हुई दोस्ती हो गई फिर बहारों से अपनी,,,,l चांद सितारों की संग हमारे बारात हुई l ओर ज्यादा जीने को जी करता है,,,,,l कितनी प्यारी स...

दिल करता है

दिल करता है बहुत मेरा पास तुम्हारे आने को भाड में जाए दुनिया सारी आग लगे जमाने को अपने भी अरमान है कुछ साथ तुम्हारे रहने के कब तक खुद से दूर रखूं खुशियों के खजाने को ...... मिलाप स...

छत पर

छत  पे  खडा  मैं  सोच  रहा  हूँ तु  क्या  घर  पर  करती  होगी मेरी  तरह  यूहीं  शाम  को  क्या तु  भी  छत  पर  चढती  होगी वो  भी  क्या  समय  था  जब हम कभी  रावी  किनारे  टहलते  थे ...

रावी के किनारे

कल रात को सपने में तुमसे मुलाकात हुई थी कुदरत के नजारों के बीच बहुत सारी बात हुई थी हमने रावी के किनारे पे खूब ठहाके मारे थे भीग गए थे अंदर तक प्यार की इतनी बरसात हुई थी    ..... मि...

क्यों खाव न देखू

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क्यों  खाव  न देखूं मैं  तुझको  पाने के तू है ही अलग  सच  में सारे  जमाने से तेरी नजर पडते ही हलचल सी होती है पहेली सी बनती है पलकों को गिराने से तेरा भ्रम मुझको चिढाता है ईशा...

सपनों के चिराग

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सपनों के चिरागों को बुझने मत देना कि खुद पे अँधेरों को हँसने मत देना तु करना मत अपनी उम्मीदों को विदा हरियाली के पत्तों को झडने मत देना मोड मोड पे आके बाधाएं उलझाएगी लेकिन उ...

सर्दी की धूप

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यादों में

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तू यादों में आती है जब सामने आ जाता है सब मेरी आँखो में तैरता है तेरे साथ बिताया लम्हा हर पता नहीं क्या खता हुई थी जो बिखर गए वो लम्हें सब ........ मिलाप सिंह भरमौरी

इंतजार

रौशन  हुए  चिराग  सभी l जो  बुझे हुए  थे मुद्दत से l मुझको  ही नहीं  इंतजार l इन्हे भी था तेरा सिद्दत से l .....मिलाप  सिंह  भरमौरी

सुरंग होली धर्मशाला

बहुत दुर्गम क्षेत्र है यह बहुत कठिन है यहाँ का जीवन दस दस किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है तब आता है सामने घर आसमान को छूती चढाईयाँ पाताल के दर्शन कराती खाईयाँ ऐसे हैं चंबा के गा...

खडामुख डंगा

एक दिन की बारिश से ही खड़ामुख का यह हो गया था हाल अगर हफ्ता भर पड  जाती तो क्या हो जाता सोच कमाल इस सब का कारण बांध ही है सबको यह पता है सडक तक आ पहुंचा है पानी अब यह सड़क सेफ कहाँ ...

Holi dharmshala road

होली- धर्मशाला सड़क एक ख्वाइश है इस दिल में न जाने कब वह पूरी होगी होली से धर्मशाला को सड़क बनेगी और 200 किलोमीटर कम दूरी होगी जब भी इस सड़क के सर्वे की खबर आती है रुह अंदर तक तर ह...

Teri mohabat

तेरे प्यार का अांचल उडता है बन बादल वरना इस दिल की धरती प्यासी होती तेरी मोहब्बत से ही रौनक है मेरी दुनिया की अगर तू न होती तो सच बहुत उदासी होती .... मिलाप सिंह भरमौरी

राहत का मकाम

मुस्कुराहट तेरे होठों की दिल को छू जाती है खामोशी तेरे चेहरे की अंदर तक रुलाती है बहुत ढूंढ लिया सुकून को जगह जगह पर जाकर के पर राहत के मकाम की तुझ तक ही राह जाती है ..... मिलाप सि...

असर तेरा

इस तरह हो रहा है मुझ पर असर तेरी मोहब्बत का l कि किस्सा आम -सा बन गया है जुबाँ की बगावत का l कहना कुछ होता है और कह कुछ जाता हूँ मैं l बात - बात पर नाम तेरा लेना हिस्सा सा बन गया है मेरी ...

जी हुजूरी

दिया है कम तो उसकी भी मजबूरी होगी। किसी ओर की जरूरत तुमसे भी जरूरी होगी। वो तोलता है जरूरत को तराजू में रखकर। मत सोच उसकी ज्यादा तुमसे जी हुजूरी होगी।              ------- मिलाप सि...

उनके एक खाव से

उनके एक खाव से खुशियाँ हजार आती हैं मन के कोने कोने में कलियां निखार पाती हैं लफ्जों में जिक्र मुश्किल है उनकी हर अदा का उनके मुस्कुराने से दिल में बहार आती है ------ मिलाप सिंह ...

मजबूर हूँ तेरी आदत से

हँस के कुछ तो राहत दे डूबा हूँ तेरी चाहत में आ जाता हूँ यूंही तेरी गली में मजबूर हूँ तेरी आदत से ------ मिलाप सिंह भरमौरी

मैं हूँ रेत सहरा की

चुभता है इस दिल में कुछ तीखा सा खंजर सा कम कैसे हो पाएगा फर्क धरती और अंबर सा तन्हाई में जा कर के इसलिए मैं रो लेता हूँ कि मैं हूँ रेत किसी सहरा की और तू है मोती समंदर का ------ मिलाप ...

यह उम्मीद भी

यह उम्मीद भी कितनी प्यारी है सौ बोतल षकी इसमें खुमारी है तुझको शायद कुछ पता नहीं है और यह कहती है कि तू हमारी है -------- मिलाप सिंह भरमौरी

बदल गई हाथों की रेखा

बदल गई हाथों की रेखा जबसे हमने तुमको देखा किस्मत अपनी चमक उठे गर बन जाए अपना तेरे जैसा ----- मिलाप सिंह भरमौरी

तू आ रही है

तू आ रही है दूर से ही इक खुशबू सी आ जाती है तेरी आहट दिल के दरवाजे को तस्सवुर से ही छू जाती है जैसे जन्नत की बहार होती है जब तक तू मेरे साथ होती है तेरे बिछुड जाने के पल जैसे सहरा ...

पाल पोष कर बडा किया

पाल पोष कर बडा किया बाप मेहनत मजदूरी से पढा रहा है और देखो इस नालायक को बाजार में लडकियों के पीछे मार खा रहा है ------------ मिलाप सिंह भरमौरी

तमाशे की तरह

तमाशे की तरह दिखना क्या अनमोल होकर कोडी के भाव बिकना क्या अरे इज्जत से रहो सबको इज्जत देकर यूहीं छेडख़ानी करके सरे बाजार पिटना क्या              -------- मिलाप सिंह भरमौरी

यह सोच कर

यह सोच कर मैं जहर पिए जा रहा हूँ तेरे सितम का कि गर इलजाम तुझको दूंगा तो भी रुसवाई मेरी ही होगी।                  ------- मिलाप सिंह भरमौरी

बहुत सुंदर है तू

बहुत सुंदर है तू प्यारी है जैसे फूलों की इक क्यारी है तेरे होने से ही तो सच में दिल का धडकना जारी है ----- मिलाप सिंह भरमौरी

मौहब्बत तो बहुत है

मौहब्बत तो बहुत है उनसे पर बताएं कैसे किस कद्र करते हैं कदर उनकी दिल दिखाएं कैसे जी तो करता है कि कर दें ब्यान सब जो भी दिल तन्हाई में कहता है पर इक पर्दा सा गिरा है रुसवाई का इ...

नदी किनारे बैठ के

मैं नदी किनारे बैठ के सोचूँ कितनी ही सुंदर है मेरी जान। पानी की लहरें तो कुछ भी नहीं है इनसे तो सुंदर है तेरी मुस्कान। ------- मिलाप सिंह भरमौरी

Ik aas hai

इक आस है तुझसे मिलने की। दुख -सुख  दिल  के कहने की।। छोड  के  तेरी ठंडी  छाया को। जो  देती  है  हिम्मत जलने की।। ------- मिलाप सिंह भरमौरी

हर बात अलग

हर  बात  अलग  है  तेरी हर  अंदाज  अलग  है  तेरा । तु  औझल  है तो गुप  अंधियारा  है तेरा  दर्शन  है  मेरा  सबेरा।। ------- मिलाप सिंह भरमौरी

यह दूरी कब मुझको

यह दूरी कब मुझको तुमसे जुदा कर पाती है हर इक पल के बाद तू ही तो याद आ जाती है साथ में होते तो शायद ही रहता इतना ख्याल जिधर भी देखूं मैं तेरी ही तस्वीर बन जाती है ------ मिलाप सिंह भरम...

जब भी शाम होती है

जब भी शाम होती है इक उम्र तमाम होती है। तेरी याद के सदके में हाथों में जाम होती है। आ जाओ न कभी तो मिट जाए यह खुमारी। कि बिन तेरे जिंदगी अपनी बडी परेशान होती है। ------ मिलाप सिंह भर...

मौहब्बत

मीठी सी मौहब्बत तीखी सी शरारत सुंदर है पल प्यार के। न न न दिल को जलाए हाँ में अमृत यार के। उजाडती है जो कितनों के घर क्यों बनाई नफरत संसार में। ------- मिलाप सिंह भरमौरी

दो पल के लिए

खाव तेरे हकीकत से कम नहीं हैं गुस्सा तेरा भी मौहब्बत से कम नहीं है। दो पल ही बहुत हैं तुझसे ताल्लुक के सदा के लिए न मिलो तुम गम नहीं है। -------- मिलाप सिंह भरमौरी

नजरों से भी कत्ल होते हैं

बिन कटारी  से भी किस्से  खत्म होते हैं । भर न  पाएं कभी जो  ऐसे जख्म  होते है । मत ढूँढो तुम हथियार मेरी चोट का यारो। दुनिया में कुछ नजरों से भी कत्ल होते हैं ।               ------- ...

पसीना आया

देख कर उसको यारो कुछ हमे यूँ आया जैसे कट लग गया हो बिजली का अंदर बैठे हुए सिलसिला आगे बढेगा मौहब्बत का इजहार करने से कुछ नहीं होगा खाव लेने से यूँही बस लेटे हुए      ------ मिलाप सि...

फूलों में खुशबू रहती है

जैसे फूलों में खुशबू रहती है वैसे दिल में  बस तू रहती है मैं जाऊँ बेशक  किसी तरफ तू ही नजर में हर सू रहती है ------- मिलाप सिंह भरमौरी

झरोखे से

इक खास खुशबू है हवा के झोंके में रह न जाएं हम कहीं फिर धोखे में गुजरे होगें जरूर इस गली से वो तू बाहर देख उठकर दिल झरोखे से ----- मिलाप सिंह भरमौरी

Rooth jate hai

कहने को तो बस वो हमसे रूठ जाते हैं उन्हें क्या पता इससे कितने हम टूट जाते हैं नफरत सी होने लगती है हर शय से हमें जीने के  खाव सभी जैसे मन से ही छूट जाते हैं ----- मिलाप सिंह भरमौरी

रख कर हाथ रुखसारों पर

रख कर हाथ रुखसारों पर मेरी याद में खोए होंगे । अंबर से इक बूँद गिरी है शायद वो वहाँ रोए होंगे । गवारा न था हमसे बिछुडना पल भर भी इक तन्हा रहना । मेरे बिन उस उजली छत पर कैसे वो तन...

छत पर मंजा

छत पर मंजा रस्सी वाला । तानी मच्छरदानी बांस से । चांद दिखे अम्बर पर पूरा । आए नाम तेरा हर सांस से । ------ मिलाप सिंह भरमौरी

तेरे गम से

बस तेरे नाम से मेरा नाम जुडा रहे । इससे नहीं फर्क बेवफाई या वफा करे । कुछ तो हो तेरे नाम का पास मेरे । तेरे गम से बेशक मेरा दिल भरा रहे ।   ------- मिलाप सिंह भरमौरी

Sample fail

बडे बडे ब्रांड सुंदर सुंदर पैकिंग पैकिंग के अंदर यह क्या बेच रहे हैं लेकिन मैगी के सैंपल फेल दवाईयों के सैंपल फेल सिविल सप्लाई का आटा फेल चल रहा है यह क्या खेल पैसा पैसा है ...

दुनिया तो है

किस पर करें भरोसा । हर तरफ है धोखा । न सांसो की कोई गिनती न पल का कोई मौका । शायद हकीकत वो जानता है रोता है वो जो बच्चा । मान बैठे इसे अपना जीवन दुनिया तो है इक झरोखा । ------ मिलाप सिं...

खूशबू की बौछारे

इक पुडिया है खावो की बंद खुल जाए तो क्या क्या हो जाए किस्मत अपनी जाग उठे सारे गम सहरा में सो जाएँ खत्म हो जाए आंख मिचौली दिल में अपने दिल खो जाए बरसे हरसूं खूशबू की बौछारे हर म...

खूशबू की बौछारे

इक पुडिया है खावो की बंद खुल जाए तो क्या क्या हो जाए किस्मत अपनी जाग उठे सारे गम सहरा में सो जाएँ खत्म हो जाए आंख मिचौली दिल में अपने दिल खो जाए बरसे हरसूं खूशबू की बौछारे हर म...

रेखा खींच

किसी ओर तरीके से तू रेखा खींच देखा न करो मुझको सब लोगों के बीच बडी शर्म सी आती है मुझको जब करते हो इशारे हो जाता है मन मेरा बडा भयभीत -------- मिलाप सिंह भरमौरी

अधरों से

मत देखो बेसब्रों से । लगते हैं तीर नजरों से । जब होते हैं यह आर पार । निकलती है आह ! अधरों से । ------ मिलाप सिंह भरमौरी

गर्मी में

सूरज ने अब पकड बनाई हर ओर मची है त्राहि- त्राहि बदन हुआ पसीने से गीला अंदर बाहर हरसूं गर्मी छाई । नदी -नाले सब सूख रहे हैं पशु पक्षियों की शामत आई । कूलर पंखे सब फेल हो रहे गर्म ...

गेंग रेप

गेंग रेप ------------- बहुत बडा अपराध किया है तुमने इक लडकी को बर्बाद किया है गरीब है वो बच जाओगे तुम यह कैसे तुमने समझ लिया है चुप है वो तो क्या हुआ सब लोगों को कैसे चुप करवाओगे उसको तो ख...

गेंग रेप

अब तो चुप्पी तोडो हिमाचल की निर्भया तुम तेरे दर्द से कितनों की देखो आंखें हुई है नम तेरे चुप रहने से वो दरिंदे न पकडे जाएगें पता नहीं कितनो को वो फिर से शिकार बनाएंगे तेरे म...

जब याद तुम्हारी आती है

जब याद तुम्हारी आती है इन आँखों से आँसू बहते हैं सूनी सी लगती है दुनिया सारी पल पल दर्द को सहते हैं है कोने कोने में तेरी याद बसी तू था तो अब क्यों दिखता नहीं अरे तुझको क्या है ...

छोड दिल उसको

चल छोड दिल अब रहने दे । कुछ नहीं  होगा तेरे  कहने से । भूल जा उसको, छोड याद करना । कर मन  को  हल्का  आंसू बहने दे ।        ----- मिलाप सिंह भरमौरी

नशे की तरह

टूट कर शीशे  की तरह  बिखर जाऊँगा। तू आबाद  रहेगी और  मैं उजड जाऊँगा। मै सिर्फ नशे  की  तरह हूँ सुन तेरे लिए । कल सुबह तक तेरे मन से उतर जाऊँगा।        ------- मिलाप सिंह भरमौरी

दिल की बात

दिल की बात जब उनसे कहेंगे पता नहीं क्या  वो हमसे कहेगें दर्द के  हों या  खुशियों  के  हों पर आंखों से जरूर आंसू बहेंगे   ----- मिलाप सिंह भरमौरी

बेबी कविता

छोटा बेबी गया रसोई रसोई में न जब देखा कोई देख के चीनी बेबी ललचाया मुँह में उसके पानी आया बेबी ने चीनी खाने की सोची अलमारी पर चडने को कुर्सी खींची चीनी का डिब्बा हाथ से फिसला ...

दिल कहता है

जब प्यार का दरिया उमडता है। तुमसे मिलने को दिल करता है।         पर बीच में अपने देख के दूरी यह दिल ठंडी आहे भरता है।          मिट जाएगी यह इक दिन दूरी नहीं रहेगी कोई मजबूरी।   ...

जज्बात

कहना कुछ चाहते हैं कर कुछ जाते हैं जब सामने आ जाओ आप बस चुप रह जाते हैं समझ जाओ कभी तो खामोशी का मतलब निकाल कर पता नहीं क्यों मेरे जज्बात दवे रह जाते हैं   ----- मिलाप सिंह भरमौरी

आंसुओं को

आंसुओं को आंखों में दबाया नहीं करते हर घडी किसी को यूँ रुलाया नहीं करते खुद ही समझ जाते हैं कद्र करने वाले 'मिलाप' यूं प्यार को बार बार जताया नहीं करते ------ मिलाप सिंह भरमौरी

मनाने के लिए

तुझको मनाने के लिए अब तू ही बता मैं क्या करूं तेरी खामोशी डसती है बिन बात किए मैं कैसे रहूं हर बात पर जिद्द ठीक नहीं दिल को दुखाना जीत नहीं मान भी जाओ मन के मालिक यह तीखे तीर कै...

लव मैरिज

मान लो कहना बात समझना लव मैरिज कभी न करना कर भी ली है तो कोई बात नहीं फिर आपस में न कभी झगडना क्योंकि समझौता करवाने या तुमको समझाने कोई न आएगा पडेगा फिर जीवन भर अलग अलग रहना ------ ...

Hindu Muslim

बचपन में हम संग संग खेले स्कूल में भी साथ साथ पढे और अब अच्छे पडौसी की तरह सुख दुख में संग संग रहते हैं हिन्दू और मुस्लिम दुश्मन है क्यों कुछ देशों के लोग कहते हैं -------- मिलाप सिं...

सादगी का रंग

बनावटी से अच्छा है सादगी का रंग अगर भरोसा ही नहीं है तो कैसा साथ संग इससे नहीं फर्क कोई कि दूर हैं या पास बस होना नहीं चाहिए मन में कोई भ्रम ----मिलाप सिंह भरमौरी

भूकम्प

कुदरत नहीं चाहती कोई करे उसके साथ छेडख़ानी पर एक पडौसी चाइना है जो कर रहा है मनमानी मांउट एवरेस्ट के नीचे से सुरंग निकालना चाह रहा है तिब्बत और पोक में भी भू संतुलन बिगाड रह...

भूकंप

बर्दाश्त नहीं करती है प्रकृति कोई भी छेडख़ानी तभी तो पक्के मल्टीस्टोरी मकानों को ही पडती है क्षति उठानी कच्चे मिट्टी के मकानों को भुकंप कम ही ढह पाता है और बांस की झुग्गिय...

ताजगी दिल की

संवरने से कम नहीं है सादगी तेरी बढा देती है जो ओर भी ताजगी दिल की जी करता है कि तुम रहो हमेशा मेरे आसपास जरूरत सी बन गई हो तुम जिंदगी की ------ मिलाप सिंह भरमौरी

प्यार का नशा

तुझसे बात करूँ मैं कैसे कई दिनों से सोच रहा हूँ तेरे सामने कुछ कह नहीं पाता खावों में सब कुछ बोल रहा हूँ तेरे प्यार की मस्ती का मुझपे चढा हुआ है यह कैसा नशा थोडी पी लूँ तो क्या ...

खंजर

जब तू मुझसे दूर होती है तो ओर भी सुंदर लगती है तुझको ही सोचता रहता हूँ तू जैसे कोई मंदिर लगती है तेरे प्यार की ठंडक आ जाती है फिर तपते हुए सहरा में महसूस करते ही बन जाती है फूल व...

दूरी

तेरे मेरे बीच में दूरियां बहुत हैं क्या करूँ कि किस्मत में मजबूरियाँ बहुत हैं कैसे करूँ आजाद खुद को मुकद्दर की कैद से कि पल पल मोड पर खडी लाचारियां बहुत हैं ----- मिलाप सिंह भरम...